जिन्दगी में शामिल हों गये हों इस तरह मेरी..
की सास नहीं चलती अब तुम्हारी याद बीना..
बस डर है एक khud की किस्मत के कारन...
की कही खो ना दू तुम्हें भी सब लोगो की तरह...
नीता कोटेचा.
की सास नहीं चलती अब तुम्हारी याद बीना..
बस डर है एक khud की किस्मत के कारन...
की कही खो ना दू तुम्हें भी सब लोगो की तरह...
नीता कोटेचा.
3 comments:
बस डर है एक khud की किस्मत के कारन...
की कही खो ना दू तुम्हें भी सब लोगो की तरह...
good.....
बस डर है एक khud की किस्मत के कारन...
की कही खो ना दू तुम्हें भी सब लोगो की तरह
nitaben bahu sarash lakho cho
Neetaben ,
agar voh nahi mera to kya,me to unki hu.
Sapana
Post a Comment