मेरी शायरी और मेरी बाते..
ये मेरी ख़ुद की लिखी हुई शायरी है ..मेरे दिल की बात
Thursday, May 21, 2009
मुझे भूल सको तो बहोत अच्छा..
पर
ना भूल सको तो कहेना मुजे,
बेवफा
बनके मै मदद करुँगी तुम्हारी...
नीता कोटेचा..
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