Saturday, October 13, 2007

बेदर्द

ये वो ही जगह है ,जहा हम कभी मिले थे ।

ये वो ही जगह है ,जहा हम जुदा होंगे ।

बेदर्द क्या शिक़ायत करु ,

तुमसे मै।

तुम तब भी बहोत ,खुश थे

तुम आज भी बहोत ,खुश हो।

नीता कोटेचा

2 comments:

Sapience Exults said...

Dil ki baat dil me hi rakh kar mil kar challe gaye....Kha kuch nhi ...fir bhi aah bhar gaye woh!!

નીતા કોટેચા said...

shelly ji aapka id dijiye plssss