Sunday, October 7, 2007

दिल ही दिया नही
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दिल से महोब्बत कि थी तुमसे,

तुमने साथ दिया नही।

दिन दिन भर याद किया था तुम्हें,

तुमने याद किया नही।

आंसू बहाए हमने बहोत तुम्हारी याद पे ,

तुमने मुस्कराना भुलाया नही

तुमसे ही दिल क्यों लगा बैठे हम,

तुम्हें तो खुदा ने दिल ही दिया नही।

नीता कोटेचा

3 comments:

...* Chetu *... said...

kyaa baat hai..!!

Sapience Exults said...

NICEEEEEEEE.....for more lines..Kya pta pathar ka dil diya ho....:)

Unknown said...

ખુદાને દિલ હી દીયા નહી તો શિકાયત હી ક્યોં???????