Sunday, June 21, 2009

पापा misss uuuuuu

क्या कहे पिता के लिए..
जब उनकी याद भी आती है बस आखे नम हों जाती है..
उनकी तरह कोई संभाल नहीं सकता..
जब माँ मुजे उपवास रखवाती थी,और मुझसे भूख सही ना जाती थी,
तो मुजे सब्जी लेने के बहाने ले जाते थे और नास्ता करवा देते थे..
मै कहेती थी."पापा पाप लगेगा,
तो कहेते थे "तुम्हें नहीं लगेगा .मैंने भगवान से सेटिंग कर ली है .मेरी बेटी का उपवास तुड़वाने की सजा मुजे देना.."
मम्मी को खुश रखने के लिए मैंने ऐसे उपवास बहोत किये.."
शादी के बाद एक बार शाम को थोडा अँधेरा होने के बाद मै सब्जी मार्केट में सब्जी ले रही थी..और वहा पापा ने मुजे देख लिया..
मेरे पास आये हाथ पकडा एक ऑटो बुलाया और मेरे घर का रास्ता बताया ..मैंने कहा
"पापा मुजे सब्जी लेनी है "...कुछ सूना नहीं और घर भेज दिया...
घर में कैसे समजाऊ सासुजी को और पतिदेव को..
तभी थोडी देर में पापा आये ३ थैली भर के सब्जी लाये ..और मेरे पतिदेव को कहा "मुजे पसंद नहीं मेरी बेटी अँधेरा होने के बाद घर से बहार हों..आगे से उसे मत भेजियेगा.."
पतिदेव समज गये और सॉरी कहा..
फिर मेरे सर पे हाथ रखकर बोले "अभी मै जिंदा हु...एक फोन कर देना.."
जब उनका देहांत हुवा उसके अगले दिन हम दोनों अकेले थे कमरे में..उनको पता चल गया था की अब वो नहीं बचेंगे..
मुजे कहेते है..बच्चा तुम सब यहाँ रहोगे.और मुजे अकेले को ऊपर जाना..कुछ कह ना, ऊपर वाले से अगर तेरी ही सुन ले..
मैंने बहोत कहा उपरवाले से पर उसने नहीं सुनी...
और पापा को अकेले जाना पडा..
"पापा आज कहो कहा फोन करू आपको ..आज भी मुजे बहोत तकलीफ है..कितनी बार आकाश की तरफ देखके चिल्लाती हु पापा मुजे कोई नहीं संभालता आप कहा हों..
पर अब वो भी मेरी फरियाद नहीं सुनते..
बस दुआ करुँगी की आप जहा हों..आपको दुनिया की हर ख़ुशी और सुख मिले..
कभी कभी होता है काश ऊपर भी कंप्यूटर होते ..और उनका भी आईडी होता..और कभी उनके नाम की बाजु में भी हरी लाइट होती..और मै खुश हों जाती की पापा आज on line है..
पर सब हम चाहते है ऐसा नहीं होता है ना..
miss uuu papa

22 comments:

Arora Pawan said...

sach maa baap ki jagah u hi nahi sabse unchi hoti aap ka likha pad aaj mere papa bhi mujhe chu gaye aaj vah bhi nahi par kahin na kahin humare man me dilo me aankho mai baste hai jinhe apne paas dekh aaj ekaek hum haste hai neeta ji aap ko parnaam

कविता भंवर राठी said...

कमी किसी की कहा पूरी होती है...
हों जाये कितने भी बड़े हम
माता-पिता के बिना तो जिन्दगी अधूरी होती है
...
love u neeta..

Akhi said...

aakhe bhar aai aasu dad dad man se pitaji bole mat rad sada satha me hu hatha mera pakad...........

nitaji aapane to rula diya.............

swati said...

very touchy & nice :)

ρяєєтii said...

Very Touching...!
Kaash - Uper bhi Online hone ka Provision hota..!

रश्मि प्रभा... said...

papa ko yaani ek majboot chhanw ko bhulna aasaan nahin,main bhi apne papa ko miss karti hun.....

Peehu said...

ohh.. dat was really gr8 aunty....
smthng really touching... keep going

Anonymous said...

oh yeh to shayad mere dil ki batein likhi hein aapney dost;;hum in aansoo bhari aankhoo sey kuch bhi nahi likh pa rahey!!
koi sabd nahi hein iski tarif key kuenki yeh anmool ghatha hein;;;
i touched wid heart deaply
LOVE U DOST@@@

સુરેશ જાની said...

જે જતા રહ્યા છે, તે યાદ તો આવે. પણ એમને જેમ ગમતું હોય તેવાં કામ કરીને જ તેમને શાતા આપી શકાય.

Anonymous said...

saras lagani sabhar vaat father's day naa dovase vaanchi..ankhabharaai aavi

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

इस दर्द को मैंने भी सहा है ,और प्यार को भी पाया है,इसलिए आपकी हर बात मुझे मेरे पापा की याद दिलाती सी लगी .......
शुभकामनाएं........

...* Chetu *... said...

REALLY ANKHO MA ANSU AVI GAYA ...!! KHARU KAHYU AAPE .. K KASH UPAR B COMPUTER HOY TO...!!

Neeraj Kumar said...

कितनी पंक्तियाँ है जो रुला देने के लिए काफी हैं..
शब्दों का प्रयोग इतना सटीक है की क्या कहूँ...

मेरे पापा हैं, लेकिन तन से, मन से बहुत दूर हैं...क्या कहूँ...

mehultheboss said...

touch to heart , good one

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

आप की बात एकदम सही है....
इस सुन्दर रचना के लिये बहुत बहुत धन्यवाद...

Unknown said...

akash from delhi..बात आपकी सुनी लेकिन आख से मेरे आसूं गिर गया
नीता जी जब भी कोई पापा की बात करता है तो मुझे अपने पापा बहुत याद आतें है और कई बार तो ऐस्सा भी सोच लेता हूँ की अगर मरने के बाद ऊपर जा कर पापा मिल गयें तो सब से पहले तो बहुत लडूंगा उन से रूठ कर बैठ जाऊंगा उनसे और कहूँगा की आप मुझे इतना जल्दी अकेला क्यूँ छोड़ कर आ गए आपने मेरे बारे में एक बार भी नहीं सोचा जब मेरे सामने मेरे दोस्त अपने पापा की बात करते है तो मन ही मन रो पड़ता हूँ में और अचानक बहुत बेसहारा सा महसूस करता हूँ में और दिल में यही आता है की ...काश मेरे भी पापा होते .....

Sapana said...

निलाबेन ,
रुला दिया ने? पापाके पास कोम्प्युटर होता तो?
कितनी अच्छी बात..्दिल को तेरी याद पापा!!मेरे पा जैसा कोइ नही...
सपना

jahnvi antani said...

kya bat haiiii !!!!!!!! aa dec ma mara pan pappani death anniversary avi gai..... n poem vanchi ne dil n aankh bharai gaii.... nice feeling.....

anita agarwal said...

dil ko chu gayi ye kahani....rula si gayi kuch...
anita

$!$! Meenu $!$! said...

kal mere papa ko 1 month ho jayega lekin ab bhi lagta ha ki wo kahin se aayenge or bolenge ki mein kahin nahi gaya yahin hun tere paas par sachchai kuch or ha dost ab kabhi wapis nahi aayenge dost tumhari is rachna ne aaj mujhe khub rulaya ha

Nitiraj Singh said...

मेरे सपने उनके साथ चले गये मेरे पापा मुझे छोड़ के चले गये

Nitiraj Singh said...

मेरे सपने उनके साथ चले गये मेरे पापा मुझे छोड़ के चले गये