ये मेरी ख़ुद की लिखी हुई शायरी है ..मेरे दिल की बात
Friday, August 21, 2009
मित्रता में मित्र के १ कदम पर हम ५० कदम बढायेंगे , पर - मित्र के १ कदम पीछे जाने पर हम १०० कदम पीछे हों जायेंगे ... क्युकी -हम समज गये है की , एकतरफा कुछ नहीं होता इस् जीवन में.. जबरजस्ती कुछ नहीं मिलता इस् जीवन में...
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