Friday, June 19, 2009

तेरे दिल में रहेने की आरजू थी मेरी..
तेरे करीब रहेने की आरजू थी मेरी ..

तू तू ना रहा..
मै मै ना रही..
तू बेगाना हों गया..
मै किसीकी ना हों सकी...

जा रे दोस्त तुजसे क्यों कहेती हु मै दिल की बाते...
तू प्रेमी ना रहा मेरा..
और ना ही बेवफा बना मेरा..

तुजे बददुआ भी कैसे दू मेरे दोस्त...
क्योकि भले तू ना रहा मेरा..
पर मै तेरी रही हर पल...

नीता कोटेचा

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