आज तुम्हारे अहेसासो में जीने को जी किया..
आज तुमसे दूर रहेकर तुममे रहेने को जी किया..
हमारे बिच में हों फासले चाहे शहर के या सिलो में पड़े हुवे रंज के ...
हमें तो आज तुम्हें पता भी ना हों ऐसे तुममे खो जाने को जी किया..
नीता कोटेचा.
आज तुमसे दूर रहेकर तुममे रहेने को जी किया..
हमारे बिच में हों फासले चाहे शहर के या सिलो में पड़े हुवे रंज के ...
हमें तो आज तुम्हें पता भी ना हों ऐसे तुममे खो जाने को जी किया..
नीता कोटेचा.
1 comment:
Yeh chand chup na jaye
Yeh raat dhal na jaye,
Ab aa bhi jao janaN
KahiN jaN nikal na jaye…!
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