दिल में हो सुकून तो दिन में तारे लगते है..
और जो हो बेचेनी तो अपने भी पराये लगते है...
खुद ही खुद की छबी देखके ,
खुद को भी पहेचानते नहीं हम..
क्योकि जब खुदा हो रूठा तो
चलती सास भी भारी लगती है..
नीता कोटेचा
और जो हो बेचेनी तो अपने भी पराये लगते है...
खुद ही खुद की छबी देखके ,
खुद को भी पहेचानते नहीं हम..
क्योकि जब खुदा हो रूठा तो
चलती सास भी भारी लगती है..
नीता कोटेचा
1 comment:
bahut hi gahre jazbaat...
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