Tuesday, October 30, 2007

याद
हम चाहेंगे ही नही
तुम्हें दिल से निकालना।
क्योकि याद करके तुम्हें
भुला नही शके।
और
भूलने कि कोशिश ने ही
तुम्हारी याद

बहोत दिला दी


नीता कोटेचा

Thursday, October 25, 2007

जिदगी से खेलकर

जिंदगी से खेलकर कितने लोग चले गये
कोई हमरे लिए ठहेरा नही ।
और हम वाही ठहर गए,
दुनिया चल रही है अपनी तरह ,
किसीने हमे अपना कहा नही।
और

हम सबको अपना बनाते चले गए।

नीता कोटेचा

Wednesday, October 17, 2007

दोस्ती

खुदा ने कहा
"दोस्ती ना कर तू धोखा खायेगा"

हमने कहा
" खुदा , कभी जमी पर कर मेरे
दोस्त से मिल। तू भी वापस जाना भूल जायेगा

नीता कोटेचा

Tuesday, October 16, 2007

दोस्ती

जब से तुमने ठुकराया ,

महोब्बत करनी छोड़ दी।

अब न बात करेंगे तुमसे,

बात सबसे ही करनी हमने

छोड़ दी


तुम्हें पसंद न आये तो तुम्हारी राह ही

हमने छोड़ दी।

अफ़सोस है तो सिर्फकि,

कुछ कहे बिना ही

तुमने दोस्ती तोड़ दी।

नीता कोटेचा

Saturday, October 13, 2007

बेदर्द

ये वो ही जगह है ,जहा हम कभी मिले थे ।

ये वो ही जगह है ,जहा हम जुदा होंगे ।

बेदर्द क्या शिक़ायत करु ,

तुमसे मै।

तुम तब भी बहोत ,खुश थे

तुम आज भी बहोत ,खुश हो।

नीता कोटेचा
ख़्वाब


आज अचानक ख्वाब ,
मे आये हुवे थे तुम .
नजरो क सामने ही ,
बैठे हुवे थे तुम .
क्या हुवा जो अचानक ,
छु लिया तुम्हें ।
आख खुल गई हमारी ,
क्यों नाराज हुवे थे तुम।


नीता कोटेचा

Friday, October 12, 2007

मरहम

दोस्ती हो गई है ,रिश्तों से बढकर.

आप हो हमारे लिए ,अपनों से बढकर

लोगो ने ऐसे ऐसे ,धोखे दिए है क्या बताऊ

तुम्हें ए दोस्त

आपके प्यार ने किया है काम मरहम से बढकर ।

नीता कोटेचा

Wednesday, October 10, 2007

हमारे जैसा


कोई आया न होगा आपकी जिन्दगी मे,

हमारे जैसा .

कोई आएगा भी नही आपकी जिन्दगी मे ,

हमारे जैसा .

एक बार मुस्कराके देख्लो थोडा ,

ढूढ़ने पर भी मिलेगा नही कोई

हमारे जैसा ।

नीता कोटेचा

Monday, October 8, 2007

दीवानगी

.................


उसने मेरी महोब्बत का,

इस तरह तमाशा किया.

कि हम मरते है उनके प्यार मे,

और वो हसते रहे मेरी दीवानगी पर.

नीता कोटेचा

Sunday, October 7, 2007

दिल ही दिया नही
........................

दिल से महोब्बत कि थी तुमसे,

तुमने साथ दिया नही।

दिन दिन भर याद किया था तुम्हें,

तुमने याद किया नही।

आंसू बहाए हमने बहोत तुम्हारी याद पे ,

तुमने मुस्कराना भुलाया नही

तुमसे ही दिल क्यों लगा बैठे हम,

तुम्हें तो खुदा ने दिल ही दिया नही।

नीता कोटेचा

Friday, October 5, 2007

खुदा
................

इस जहा के लोगो से महोब्बत रही नही अब,

दुनिया ने इतना सताया, कि शिक़ायत रही नही अब.

तुम्हें ही हमने अपना बनाया है

दिल से ए दोस्त मेरे...

नीता कोटेचा

दूर मत होना अब तुम कभी भी मुजसे


नही तो कहेना पड़ेगा खुदा से
की


उठा ले ए खुदा जिन्दगी जीने लायक

ही रही नही अब

Monday, October 1, 2007

आ जाओ वापस

"ए नीता"
.....................
भूल नही शकते तुम्हें

याद करके परेशां है

जी नही शकते तुम्हारे बिना

मौत के बग़ैर परेशां है

हुवे नही तुम अपने तो

क्या हुवा ?

दूर हो गए तुम्हारी जिन्दगी से

एक दिन तुम ही कहोगे कि

आ जाओ वापस

"ए नीता"

तुम्हारे बिना हम परेशां है ।

नीता कोटेचा