Friday, January 30, 2009

पता न चला

यु ही दिल के साथ गुफ्तगू में रात कहा बीत गई पता न चला ..
हम ढूंढ़ते ही रह गये उनकों, और उन्हें पता न चला..

कितना इंतजार किया उनकी गली में खड़े हो कर..
वो पास से गुजर गये और हमारा उन्हें पता ही न चला.

वो कहेते है की हमें उनकी याद न आती है कभी..
पर उनकी याद में हम रोज मरे ,और उनको ये मालूम भी न पडा.

चलो अब तो शिकायत ही करनी छोड़ दी है ..
क्योकि हम महोब्बत करते है उनको ,ये ही उनको पता न चला..

नीता कोटेचा.

2 comments:

रश्मि प्रभा... said...

dil ko har lafz me dhaal diya hai,bahut hi achhe gahre bhawon ka pata chal gaya

ρяєєтii said...

kya khub baat keh di aapne aur pata hi n chala...

BAhuj saras Motaben..U r just amazing...