Sunday, January 25, 2009
माँ के पल्लू में जो शुकुन मिलता है उसका अनुभव क्या होता है ..वो वो बच्चा ही बता सकता है..
और माँ के पल्लू को तार तार होने से बचाने में जो शुकून मिलता है वो अनुभव वो जवानो से पूछो जो ये भारत माता को संभालते है...वो पल्लू पे किसी बुरे आदमी का पैर न पड़े ..वो पल्लू में कही किसी अपने ही बेटे के खून का धब्बा न लगे ये सब बातो का ध्यान वो जवान करते है...बहोत लोगो के मुह से सूना है की कहा अब वो सोने की चिड़िया और कहा अब वो भगतसिंग जैसे जवान...मुझे बहोत दुःख होता है ये सुनकर की लोगो को सिर्फ बाते करनी आती है...२ आतंक वादी ओ के लिए क्यों कोई सादा इन्सान न गया??...क्यों जवान को ही बुलाना पडा था...हम अपने बच्चो को रास्ता पार करने नहीं देते अकेले..वो माँ के बारे में सोचो जो अपने बच्चो को हसी ख़ुशी सरहद पे भेजती है..की जा बेटा मर जाना पर भारत माता की लाज रखना...लोग कहेते है की सबसे बुरा भारत देश है..पर मै जब लोगो से बात करती हु तो पता चलता है की कितनी परेशानी होती है बाहारगाव के देशो से...
माना बुराईया अपने देश में है..पर सब लोग तो अच्छे नहीं ही होंगे...
अपने देश के बारे में बुराईया करने से पहेले एक बार नहीं सौ बार सोचो.
फिर ही हमें हक्क है कुछ बोलनेका .
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4 comments:
एक अच्छा लेख है चिंतन -मनन करने लायक है, हर वाक्य में कुछ न कुछ संदेश देने का प्रयास किया गया है
विजय
bahut hi achha likha hai,hak ki baat bhi sahi hai.......
Bahu saras Motaben...
Saachi waat che.. badha ne waato karta j aawde che, karwano wakhat aawe etle kahe--ke choro yaar, kon lafda ma pade..
Good..Keep it up.
Desh na veer JAwan ne salaam.
maa tujhe salaam -
ham raat mai isliye nahee sote ki soorya chhip jataa hai balki isliye so paate hai ki maa bhaartee ke sapoot seema per hamaare liye jaag rahe hote hain.
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