Wednesday, January 7, 2009

दोस्त सब गम भुला देते है,

जो तकदीर ने अपने हाथो से लिखे है..

और
जिन्दगी हमें चाहे महोब्बत न करे..
हमने तो मौत को भी दिल देके रखा है..

नीता कोटेचा

2 comments:

रश्मि प्रभा... said...

जिसने मौत को दिल दे दिया हो,
उसके पास ही ज़िन्दगी सही रूप में आती है,
उसका हर पल स्पष्ट होता है

Unknown said...

हमने तो मौत को भी दिल देके रखा है..
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मौत का कोई एक क्षण होता है, लेकिन ऐसा है नहीं है, वे कहते हैं, यह एक पूरी प्रक्रिया होती है, जिसमें पहले दिल धड़कना बंद करता है, फिर फेफड़े काम करना बंद करते हैं और फिर मस्तिष्क काम करना बंद करता है। यह एक चिकित्सकीय स्थिति है जिसे हृदयाघात कहा जाता है।
Pragnaju