Friday, September 14, 2012



उमीदो के शहर में जाना होता है जब जब  ,
बेबसी ,उदासी और आसू ओ के अलावा कुछ न मिला .
भरे बाज़ार में बिका मेरा प्यार ,
बदले में बदनामी के सिवा कुछ ना मिला।

नीता कोटेचा "नित्या 

4 comments:

nayee dunia said...

मन को छूने वाली रचना

nayee dunia said...

मन को छूने वाली रचना

Unknown said...

bahut achcha sher

Unknown said...

bahut achcha sher