Friday, January 11, 2013

मानसिक बलात्कार






दिल्ली रेप के बाद औरतो , बेटियों के लिए दु:ख  होता है की कब समाज सुधरेगा और कब सुधरेगी पुरुषो की सोच , हम कितनी बेटियों को यु ही मरते देखेंगे और बस चुपचाप देखते ही रहेंगे।।

द्रोपदी के जमाने से जो चल रहा है वो आज भी चालु है , तब जो दिखाया गया था की घर के देवर और जेठ भाभी की साड़ी खीचते है और तब श्री कृष्णा उनके चिर पुरने आते है , तो मुझे ये समाज नहीं अ रहा की क्या जब देवर और जेठ सारे खिचेंगे तब ही प्रभु आयेंगे।। बहार वालो के लिए नहीं आयेंगे।। ऐसा कोई कायदा होगा क्या प्रभु का ? 
ऐसा हो रहा है की अब हम सारी  औरतो को ये तय कर लेना चाहिए की बच्चे करने ही नहीं।। क्योकि जनम देने वाला भगवान् जब हमारी बेटियों की रक्षा नहीं कर सकता हम क्यों उनकी श्रुष्टि  सँभालने के लिए बच्चे करे , बेटी बचाओ के नारे लगाते है तो बेटियाँ  क्या इसी के लिए है ? 
                जब छोटी थी तब एक कहानी पढ़ी थी की एक आदमी को बहुत सारे  लोग पत्थर मार रहे थे , तो किसीने कहा की जिसने कभी कोई गलती न की हो वो पत्थर मारे, तब कोई नहीं आगे आ सका।। तो आज जब ये रेप के खिलाफ बहुत सारे पुरुष भी खड़े है तब हम ये कह सकते है न की  जो आदमीने कभी सोच में या मानसिकता में भी किसी बेटी ये स्त्री का बलात्कार ना किया हो वो ही इसका विरोध  में आगे आये।। कितने आयेंगे क्या पता?
 रास्ते पे चलते हुवे , बस में या ट्रेन में , मंदिरो की भीड़ में हमें बहुत सरे ऐसे मर्द मिल जाते है जो हमें इस तरह देखते है की हमें लगता है की हमारा नजरो से ही बलात्कार हो गया , खुद की पत्नी के साथ चलने वाला पति भी दुसरो की बीवियों को और बेटियों को देखते रहेता है , हम बलात्कार करना तो बांध नहीं कर पायेंगे पर कमसेकम पुरुष खुद ही ऐसा न कारे तो मानसिक  बलात्कार तो बंध  हो ही सकते है।।
                   बेटियों और औरतो को ये काम घर से ही शुरू करना है , हमारे ही आजुबाजु के आदमियों में से अगर कोई ये काम करता है तब हमें तुरंत उनको टोकना है , शायद आहिस्ता आहिस्ता सब में बदलाव आयेगा।।

नीता कोटेचा "नित्या"

11 comments:

Unknown said...

Bhagwan se vinamra shikayat or biljul sahi shikayat bahut achcha likha hai neetuu

रश्मि प्रभा... said...

sach hai

Anju (Anu) Chaudhary said...

एक औरत की सोच का सही आंकलन ..
कम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया है
भाषा के अंतर के बाद भी हम सब की सोच एक सी ही है ...बहुत बढिया नीता

Yog Sakhi Praveena joshi said...

मै आपकी तर्क को एक दम सही मानते हुए आपको इतना ही कहंूगी इस विषय पर हमेशा लिखती रहे ..्या पता ईश्वर आपकी सुन ले

Yog Sakhi Praveena joshi said...

मै आपकी तर्क को एक दम सही मानते हुए आपको इतना ही कहंूगी इस विषय पर हमेशा लिखती रहे ..्या पता ईश्वर आपकी सुन ले

http://anusamvedna.blogspot.com said...

आप ने अपनी कलम से हर औरत के मन की बात कहदी ..... सार्थक पोस्ट

Unknown said...

sahi hai apney neetu ji sahi likha hai ajj kal ke ladke yavam kisi bhi admi per bharosa nahi raha koi bhi ladki surakshit nahi hai apney hi ghar may ... please protect the girl n ladke or mard jati ke insan sudar jaau

Unknown said...

sahi hai apney neetu ji sahi likha hai ajj kal ke ladke yavam kisi bhi admi per bharosa nahi raha koi bhi ladki surakshit nahi hai apney hi ghar may ... please protect the girl n ladke or mard jati ke insan sudar jaau

Unknown said...

sahi hai apney neetu ji sahi likha hai ajj kal ke ladke yavam kisi bhi admi per bharosa nahi raha koi bhi ladki surakshit nahi hai apney hi ghar may ... please protect the girl n ladke or mard jati ke insan sudar jaau

प्यार की कहानी said...

Interesting Story Shared by You. Nice प्यार की कहानी Ever. Thank You.

सुशील कुमार जोशी said...

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