Saturday, August 25, 2012

दोस्त एक बार तो मुड़ के देख,
आज भी बह रही है आख़े तेरी  याद में..
नीता कोटेचा

1 comment:

Ankit said...

आपने बहुत ही शानदार पोस्ट लिखी है. इस पोस्ट के लिए Ankit Badigar की तरफ से धन्यवाद.