Friday, September 14, 2012
Wednesday, March 7, 2012
तुम्हारी दुआओं से भी अब मैं तुम्हें ना मिलूं
जा तू कितना भी धुंदी मैं तुम्हें ना मिलूं
बेकदर शख्स को मोहब्बत सौंपी मैंने
तू तड़प जाये मेरी मोहब्बत को और मैं ना मिलूं
तुम्हारी एक एक साँस पर अपना नाम लिखा था मैंने
तू इन्हें मिटाना चाहे तो भी अब ना मिटून मैं ...
तू पुकारे हाय, आ भी जाओ अब मेरी ज़िन्दगी में दोबारा
बस तभी मेरी सांसें ख़त्म हों ...और मैं ना मिलूं ....!!!
~नीता कोटेचा (Concept)
~कशिश खान (Translated in Urdu)
जा तू कितना भी धुंदी मैं तुम्हें ना मिलूं
बेकदर शख्स को मोहब्बत सौंपी मैंने
तू तड़प जाये मेरी मोहब्बत को और मैं ना मिलूं
तुम्हारी एक एक साँस पर अपना नाम लिखा था मैंने
तू इन्हें मिटाना चाहे तो भी अब ना मिटून मैं ...
तू पुकारे हाय, आ भी जाओ अब मेरी ज़िन्दगी में दोबारा
बस तभी मेरी सांसें ख़त्म हों ...और मैं ना मिलूं ....!!!
~नीता कोटेचा (Concept)
~कशिश खान (Translated in Urdu)
Tuesday, March 6, 2012
बरसो बाद जब मिले हम उनसे
तो कहने लगे तुम्हारा नाम भूल गये कसम से
हाँ ये वोही शख्स है जो कहते थे कभी
तुम्हे ना भूलेंगे आखरी साँस तक ,भूले चाहे रिश्ते सभी
ये माना के मेरे हाथ में अब उनका हाथ नहीं
पर ये क्योंकर हुआ के मेरी ओर देखने का भी सवाब (रीत ,कांसेप्ट ,रसम ) नहीं
मेरा दर्द , मेरा रंज -ओ -गम वोह क्या जाने अब
मेरे नाम के पन्ने किताब -ए -ज़िन्दगी से फार दिए है जब
ये हिज्र का खेल तो हमारे दरमियान हमेशा से रहा
अपने अपने मक़ाम पर कभी मैं नहीं ,कभी तू ना रहा
मैंने तुम्हें याद रखके किस्मत को मात दे दी ...
तुमने मुझे भूलाकर किस्मत को जीत दे दी ....!!!
~नीता कोटेचा (Write and Concept)
~कशिश खान (Translated in Urdu)
तो कहने लगे तुम्हारा नाम भूल गये कसम से
हाँ ये वोही शख्स है जो कहते थे कभी
तुम्हे ना भूलेंगे आखरी साँस तक ,भूले चाहे रिश्ते सभी
ये माना के मेरे हाथ में अब उनका हाथ नहीं
पर ये क्योंकर हुआ के मेरी ओर देखने का भी सवाब (रीत ,कांसेप्ट ,रसम ) नहीं
मेरा दर्द , मेरा रंज -ओ -गम वोह क्या जाने अब
मेरे नाम के पन्ने किताब -ए -ज़िन्दगी से फार दिए है जब
ये हिज्र का खेल तो हमारे दरमियान हमेशा से रहा
अपने अपने मक़ाम पर कभी मैं नहीं ,कभी तू ना रहा
मैंने तुम्हें याद रखके किस्मत को मात दे दी ...
तुमने मुझे भूलाकर किस्मत को जीत दे दी ....!!!
~नीता कोटेचा (Write and Concept)
~कशिश खान (Translated in Urdu)
Wednesday, January 18, 2012
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