Monday, May 9, 2011

नेट की दुनिया

ये नेट की दुनिया बड़ी अजीब होती है..
पहले लोग कहते थे की जब किसी से अगले जन्म का लें ना देना हो बाकी तो ही एक दुसरे को मिलते है..
यहाँ हजारों लोग अपने बन चुके है
किस किससे अगले जन्म का नाता हम ढूंढे ये कोई बताए.

जब तुम मिले थे, लगता था की जैसे मेरी दुनिया प्यार से भरपूर हो गई..
बिना देखे तुम्हें, बिना जाने पहचाने मैंने तुमसे प्यार किया..
बेइंतिहा प्यार किया..

पर अब तुम मेरे जीवन में नहीं हो..
बस उब चुके मुझसे
अब कोई नए साथी की तलाश में तुम निकल पड़े ..
या नए साथी के मिलने पर ही मुझसे नाता तोड़ दिया..
ये तो लेना था ही नहीं
बस सिर्फ देना ही था..

मेरी भावनाओं का देना
मेरा दिल का देना
मेरा अश्रु ओ का देना
मेरे वक्त का देना..
और मेरी मुहब्बत का देना..

चलो शायद मैंने भी ऐसा ही कुछ किया होगा गए जन्म में तुम्हारे साथ..
पर एक बात पूछ लू..अब तो हिसाब चुकता हो गया ना..
क्या अगले जन्म में मेरे दोस्त बनोगे तुम ?

नीता कोटेचा

5 comments:

Anonymous said...

Aaj ka waqt kuch esa hi hai...kabhi kabhi itni mazburiya samne aa jati hai ki na chahte hue bhi hume use bhulane ka dikhawa karna padta hai...lekin ye ehsas kabhi man se ja hi nahi sakta...jab wo mile to laga duniya ki sari khushiya mere daman mai aa gayi hai lekin nahi pata tha ye sirf ek sapna tha or wo sapna tut gaya unki kisi or se shadi ho gayi or ab wo pyar se bete ke pita bhi ban chuke hai...4 saal ka wo rishta bas ek hi pal mai bikhar gaya...meri uperwale se yehi dua hai ki kabhi kisi ke sath esa na ho...Ameen...

નીતા કોટેચા said...

aapka nam jan sakti hu...

केवल राम said...

मेरी भावनाओं का देना
मेरा दिल का देना
मेरा अश्रु ओ का देना
मेरे वक्त का देना..
और मेरी मुहब्बत का देना..

यह आभासी दुनिया ...क्या कहें ...!

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

गैर हिंदीभाषी होने के बाद भी बहुत सुंदर रचना है। बहुत बहुत बधाई।

nayee dunia said...

मन को छूने वाली रचना