अनजाना दोस्त
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एक अनजाना दोस्त अपना लगाने लगा ,,
जैसे जीने का एक बहाना लगने लगा,
करीब आए हो तो दूर मत होना अब,
अब तो जैसे दिल का एक कोना तुम्हारा होने लगा.
नीता कोटेचा
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एक अनजाना दोस्त अपना लगाने लगा ,,
जैसे जीने का एक बहाना लगने लगा,
करीब आए हो तो दूर मत होना अब,
अब तो जैसे दिल का एक कोना तुम्हारा होने लगा.
नीता कोटेचा
2 comments:
વાહ્
बात कहां से करूं शुरू समझ नहीं आता,
दोस्त ऐसे होते हैं जैसे आसमान पे आफताब।
તમે જ કહેલું કાંઈક આવું!
"ए खुदा , कभी जमी पर आ कर मेरे
दोस्त से मिल। तू भी वापस जाना भूल जायेगा.
પ્રજ્ઞાજુ વ્યાસ્
hey di,
Excellent ...
Pan bahda aawu maane ke ?
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