स्त्री ?? ये कौन से प्राणी का नाम है..हा वही ना जो अपना निर्णय भी खुद ले नहीं सकती...वो ही ना जो अपने वजूद के लिए लड़ भी नहीं सकती...और वो ही ना जो ये आजाद देश की गुलाम है...हा इसे तो कही देखा है..घर के कपडे धोते हुवे...४० सल् शादी को हो जाये फिर भी मईके के नाम से गाली खाते हुवे...उसे कहा शर्म और अपनी इज्जत की कुछ रक्षा करनी आती ही है..वो दुसरो के सामने सर उठाकर जीती है ..पर अपने ही .घर वालो के सामने सर जुकाकर जीती है..रोज उसकी वासना का शिकार बनती है रोज सास की गलिया खाती है...पर फिर भी उसीके साथ जीती है...क्योकि माता पिता तो रखेंगे नहीं और यहाँ भी उसका .घर थोडी है ये तो ये सास का है या पति का..उसका तो कुछ भी नहीं..ना बच्चों के पीछे उसका नाम लगता है..
पर अपना भारत देश महान है यहाँ तो सती सावित्री ने जनम लिया था..और सब पतियों को सावित्री ही चाहिए..और सावित्री बनने की कोशिष में वो अपना आखरी सास ले के मर jati है..बात ख़तम स्त्री नाम के प्राणी की...
पर अपना भारत देश महान है यहाँ तो सती सावित्री ने जनम लिया था..और सब पतियों को सावित्री ही चाहिए..और सावित्री बनने की कोशिष में वो अपना आखरी सास ले के मर jati है..बात ख़तम स्त्री नाम के प्राणी की...
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