मै कुछ जोर से बोल दी थी तुम्हें
और तुम रो पड़ी थी.
पर तुम रसोई में कम करते करते रो रही थी ,
मुझे पता भी चलने नहीं दीया था..
और मै अचानक पानी पिने रसोई में आई,
तो देखा की तेरी आँखों में आँसू बहे जा रहे थे..,
मैंने पूछा मम्मी क्या हुवा ? क्यों रो रही हों ?
तो तुमने कहा बेटा अगर मेरा बच्चा मुझे जोर से कुछ कहे तो मुझसे कैसे सहा जाएगा.
मुझे बहुत दुःख हुवा की मैंने मेरी मा का दिल दुभाया..
मै उसके गले लग गई और मैंने कहा
"मा, तो मुझे डाट लेना था ,क्यों अकेले अकेले रो रही हों ?
तो मा ने कहा "बेटा अगर मै तुम्हें जोर से डाटूंगी तो तुम्हें भी दुःख होता ना.
वो बात को याद करके आज भी रो देती हु..
मुझे माफ़ कर देना मम्मी.
मै कितनी खुशनसीब हु की तुम आज भी मेरे पास हों और मेरे साथ हों..
2 comments:
खूबसूरत से उकेरे हैं एहसास
ऐसे एहसास माँ के ही हो सकते हैं...
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