मेरी शायरी और मेरी बाते..
ये मेरी ख़ुद की लिखी हुई शायरी है ..मेरे दिल की बात
Wednesday, April 8, 2009
वफ़ा की बाते अब ख्वाब सी लगती है...
यहाँ तो प्यार का शब्द सुने ज़माना बीत गया..
नीता कोटेचा.
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