Sunday, February 3, 2008

जिंदगी से मुलाक़ात
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आज अचानक जिंदगी से मुलाक़ात हो गई
,
क्या खोया क्या पाया थोडी बाते हो गई ।

मुस्कराकर कहा जिंदगी ने,
"कम पाया ,ज्यादा खोया, फिर भी मुजसे महोब्बत हो गई ?"
मैंने कहा उसे, "खोया भले कितना भी ,
पर तेरे कारण ही
अच्छे दोस्तो से मुलाकात हो गई ."

नीता कोटेचा

5 comments:

હું.. દિગીશા શેઠ પારેખ, said...

aaj achanak jindagi mujase mil ne aa gai..
puchane lagi.."kya khone or pane ka hisaab karr rahi ho...!"
arre muje hi dost banake jilo..yaar abh me bahot kumm dil ke liye rahh gai hunn...

નીતા કોટેચા said...

okkk ab mera dil tumhara..aur tumhara mera..thik hai pakka vada h

Indiana Handicrafts said...

nice one neeta

nilam doshi said...

nice one...keep writing....

sneha-akshitarak said...

मैंने कहा उसे, "खोया भले कितना भी ,
पर तेरे कारण ही अच्छे दोस्तो से मुलाकात हो गई ."

wonderful di..