Thursday, May 21, 2009

अगर तुम पास होते हम कस लेते अपनी बाहों में ..
.ऐसे जैसे एक बच्चा चूम लेता है माँ के वक्ष को. .
और एक प्रेयसी छुपा लेती है अपना मूह अपनी प्रेमी की छाती में..
और
एक दोस्त जो अपना गम छुपाने छुप जाता है अपने दोस्त की आगोश में...

नीता कोटेचा.

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