Tuesday, May 19, 2009

काश के आज तुम करीब होते और काश के हम साथ में होली मनाते ..
थोडा गम कम होता..
किसीके खोने का अहेसास कम होता..
और वो उनका रूठना और हमारा मनाना ..
याद थोडी कम आती ...
चलो हम आज फिर अकेले है..
उनकी यादो के सहारे है..
पर अगले साल ए दोस्त ये गम कम करने मेरे करीब ही रहेना..

नीता कोटेचा

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