Wednesday, May 28, 2008

बदनाम
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इस
तरह से दुनिया ने सताया है मुजे
की
अपना बनाके बहोत रुलाया है मुजे
क्या करे किस्मत ही ऐसी पाई है की
बेगानो ने नही पर
अपनों ने ही बदनाम किया है मुजे

नीता कोटेचा

Tuesday, May 27, 2008

जिदगी का पता नही
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कोई अपना बनता है दिलो जा से ज्यादा कभी ,
कोई अपना, बेगाना बनता है दुश्मनों से भी ज्यादा कभी,
क्या करे ये जिदगी का पता नही चलता
कोई अपना आसु देता है
और
बेगाने प्यार करते है अपनो से भी ज्यादा कभी .
नीता कोटेचा

Wednesday, May 21, 2008

अनजाना दोस्त
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एक अनजाना दोस्त अपना लगाने लगा ,,

जैसे जीने का एक बहाना लगने लगा,
करीब आए हो तो दूर मत होना अब,
अब तो जैसे दिल का एक कोना तुम्हारा होने लगा.

नीता कोटेचा