Friday, March 14, 2008

वापस एक बार जुदा हो गये...
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यू ही जा रहे थे रस्ते पे हम बेफिक्र हो के
और अचानक नज़र तुम पर पड़ी
ऐ दोस्त क्या कहे क्या हुवा हमारे साथ बाद मे
बस वो वो पल याद आ गये॥
और यू लगा जैसे की जान हलक मे आ गई
और यू हुवा जैसे की आ के तुमसे लिपट जाए और कहे
जो हुवा उसे भूल जाओ ॥
चलो फ़िर से दोस्ती करेएक बार फ़िर...
पर हुवा नही वो भी हमसे
और हम वापस एक बार जुदा हो गये...

नीता कोटेचा